धारा 177 आईपीसी तब कारित होता है जब कोई व्यक्ति किसी लोक सेवक को किसी विषय पर कोई सूचना देने को वैध रूप से आबद्ध होते हुए भी विधि द्वारा अपेक्षित प्रकार से और समय पर ऐसी सूचना का साशय लोप करता है.
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अवर न्यायालय द्वारा अपने उक्त आदेश में यह भी निष्कर्ष दिया गया है कि, न्यायालय द्वारा जारी आदेशिकाओं के अनुपालन में साक्षी न्यायालय में आकर अपनी साक्ष्य अंकित कराने के लिये वैध रूप से आबद्ध होते हुये भी बिना किसी न्यायसंगत कारण के वह न्यायालय उपस्थित नहीं आया है तथा उसके द्वा रा न्यायालय द्वारा जारी आदेशिकाओं का सम्मान न करते हुये लगातार जानबूझकर उपेक्षा व अवहेलना की गयी है।